The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
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कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
O Universal Lord, each early morning being a rule I recite this Chalisa with devotion. Make sure you bless me shiv chalisa lyricsl to ensure that I might be able to execute my product and spiritual needs.
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका shiv chalisa lyricsl संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा shiv chalisa lyricsl सकता है।